Saturday, June 1, 2019

मेडिटेशन के प्रकार, जानिए कौनसी है बेहतर है आपके ल‍िए

ध्‍यान के ज़रिए इंसान अपने दिमाग को किसी विशेष वस्‍तु पर केंद्रित करके मानसिक और भावनात्‍मक शांति प्राप्‍त करता है। प्राचीन समय से ही दुनियाभर के लोग ध्‍यान का अभ्‍यास करते आए हैं। आज हम आपको विभिन्‍न प्रकार के ध्‍यान के बारे में बताने जा रहे हैं।

आजकल हर कोई तनाव में रहता है और सभी को ध्‍यान करने की जरूरत पड़ती है क्‍योंकि उन्‍हें लगता है कि इस तनावपूर्ण जीवन से ध्‍यान उन्‍हें आराम और सुकुन देता है।

आध्‍यात्‍मिक गुरुओं ने कई तरह के ध्‍यान यानि की मेडिटेशन का विकास किया है। मेडिटेशन करने का तरीका सही या गलत नहीं होता बल्कि इसमें बस एक ही चीज़ सबसे ज्‍यादा महत्‍व रखती है और वो ये है कि आपको ध्‍यान का कौन-सा प्रकार सूट करता है।

क्‍या है मेडिटेशन का फायदा

रिसर्च का कहना है कि ध्‍यान तनाव से राहत दिलाने वाले एक अस्‍थायी तरीके से कई ज्‍यादा है। ये मानसिक के साथ-साथ इमोशनल हैल्‍थ को भी दुरुस्‍त करती है।

मेडिटेशन से कई तरह के लक्षण और रोग जैसे कि हाई ब्‍लड प्रेशर, इरिटेबल बोवल सिंड्रोम, अनिद्रा, तनाव, सिरदर्द, ह्रदय रोग, डिप्रेशन, दर्द, अस्‍थमा, बेचैनी और कैंसर का ईलाज करता है।


कितनी बार ध्‍यान करना चाहिए

रोज़ दिन में एक या दो बार ध्‍यान कर सकते हैं।


ध्‍यान के प्रकार और आपके लिए क्‍या सही है ?

ध्‍यान से आप उसी पल में जीना सीखते हैं और भविष्‍य और अतीत की चिंताओं से मुक्‍त हो जाते हैं। इससे आप अपने दिमाग के विचारों पर ध्‍यान केंद्रिंत कर पाते हैं। ये एकाग्रता और जागरूकता का मेल है। ये मेडिटेशन बौद्ध शिक्षा और अध्‍ययन से शुरु हुई थी और रिसर्च में पाया गया कि सचेतन ध्‍यान से रिश्‍तों में संतुष्टि, क्रोध को कम करना, एकाग्रता को बढ़ाना और याद्दाश्‍त को मजबूत कर नकारात्‍मक भावनाओं को कम किया जा सकता है।


क्‍या आप कर सकते हैं

ध्‍यान शुरु करने के लिए ये प्रकार सबसे सही रहता है। अगर आपका ध्‍यान गहन परिवर्तन और आध्‍यात्मिक विकास पर है तो आपके लिए ये मेडिटेशन उपयुक्‍त है।


कैसे करें

कुशन या कुर्सी पर सीधे बैठ जाएं। अपनी सांसों पर ध्‍यान केंद्रित करें जैसे कि सांस अंदर लेना और बाहर छोड़ना।


लविंग और काइंडनेस मेडिटेशन

इस मेडिटेशन को मेट्टा मेडिटेशन के नाम से भी जाना जाता है जिसका मतलब है दयालुता, उदारता और सद्भावना होता है। गहराई से सांस लेने और दिमाग को खोलकर प्‍यार और दायलुता पाने को लविंग काइंडनेस मेडि‍टेशन की जाती है।

ध्‍यान करने का प्रमुख कारक है दूसरों के प्रति प्‍यार और दयालुता प्रकट करना।


क्‍या से आपके लिए है

अगर आपको हमेशा गुस्‍सा आता है चिड़चिडे रहते हैं या विवाद में उलझे रहते हैं तो आपको इस मेडिटेशन प्रक्रिया से लाभ होगा। ये आत्‍म और आत्‍म केंद्रित दोनों ही तरह से फायदेमंद होती है क्‍योंकि इससे आप खुश रहना सीखते हैं।

कैसे करें :

ध्‍यान की मुद्रा में बैठ जाएं और अपनी आंखें बंद कर लें। खुद के प्रति प्रेम व्‍यक्‍त करने की कल्‍पना करें और फिर धीरे-धीरे दूसरों के प्रति ऐसा महसूस करने का प्रयास करें।

मंत्र मेडिटेशन

मंत्र मेडिटेशन को ऊं मेडिटेशन भी कहा जाता है जोकि एक हिंदू मेडिटेशन टेक्निक है। ऊं एक पवित्र शब्‍द है जिससे दिमाग को शांति मिलती है। इस मंत्र का जाप करने से आपका दिमाग एकाग्र हो पाता है और आप अपने आसपास के वातावरण से मेल खा पाते हैं।

क्‍या ये आपके लिए है  


कई लोगों को ये मंत्र मेडिटेशन आसान लगता है क्‍योंकि इसमें आपको सांस पर ध्‍यान केंद्रित करने की बजाय मंत्र पर ध्‍यान लगाना होता है।

मेडिटेशन के प्रकार, जानिए कौनसी है ध्‍यान के ज़रिए इंसान अपने दिमाग को किसी विशेष वस्‍तु पर केंद्रित करके मानसिक और भावनात्‍मक शांति प्राप्‍त करता है। प्राचीन समय से ही दुनियाभर के लोग ध्‍यान का अभ्‍यास करते आए हैं। आज हम आपको विभिन्‍न प्रकार के ध्‍यान के बारे में बताने जा रहे हैं।

आजकल हर कोई तनाव में रहता है और सभी को ध्‍यान करने की जरूरत पड़ती है क्‍योंकि उन्‍हें लगता है कि इस तनावपूर्ण जीवन से ध्‍यान उन्‍हें आराम और सुकुन देता है।

आध्‍यात्‍मिक गुरुओं ने कई तरह के ध्‍यान यानि की मेडिटेशन का विकास किया है। मेडिटेशन करने का तरीका सही या गलत नहीं होता बल्कि इसमें बस एक ही चीज़ सबसे ज्‍यादा महत्‍व रखती है और वो ये है कि आपको ध्‍यान का कौन-सा प्रकार सूट करता है।

क्‍या है मेडिटेशन का फायदा

रिसर्च का कहना है कि ध्‍यान तनाव से राहत दिलाने वाले एक अस्‍थायी तरीके से कई ज्‍यादा है। ये मानसिक के साथ-साथ इमोशनल हैल्‍थ को भी दुरुस्‍त करती है।

मेडिटेशन से कई तरह के लक्षण और रोग जैसे कि हाई ब्‍लड प्रेशर, इरिटेबल बोवल सिंड्रोम, अनिद्रा, तनाव, सिरदर्द, ह्रदय रोग, डिप्रेशन, दर्द, अस्‍थमा, बेचैनी और कैंसर का ईलाज करता है।

कितनी बार ध्‍यान करना चाहिए

रोज़ दिन में एक या दो बार ध्‍यान कर सकते हैं।

ध्‍यान के प्रकार और आपके लिए क्‍या सही है ?

ध्‍यान से आप उसी पल में जीना सीखते हैं और भविष्‍य और अतीत की चिंताओं से मुक्‍त हो जाते हैं। इससे आप अपने दिमाग के विचारों पर ध्‍यान केंद्रिंत कर पाते हैं। ये एकाग्रता और जागरूकता का मेल है। ये मेडिटेशन बौद्ध शिक्षा और अध्‍ययन से शुरु हुई थी और रिसर्च में पाया गया कि सचेतन ध्‍यान से रिश्‍तों में संतुष्टि, क्रोध को कम करना, एकाग्रता को बढ़ाना और याद्दाश्‍त को मजबूत कर नकारात्‍मक भावनाओं को कम किया जा सकता है।

क्‍या आप कर सकते हैं

ध्‍यान शुरु करने के लिए ये प्रकार सबसे सही रहता है। अगर आपका ध्‍यान गहन परिवर्तन और आध्‍यात्मिक विकास पर है तो आपके लिए ये मेडिटेशन उपयुक्‍त है।

कैसे करें

कुशन या कुर्सी पर सीधे बैठ जाएं। अपनी सांसों पर ध्‍यान केंद्रित करें जैसे कि सांस अंदर लेना और बाहर छोड़ना।

लविंग और काइंडनेस मेडिटेशन

इस मेडिटेशन को मेट्टा मेडिटेशन के नाम से भी जाना जाता है जिसका मतलब है दयालुता, उदारता और सद्भावना होता है। गहराई से सांस लेने और दिमाग को खोलकर प्‍यार और दायलुता पाने को लविंग काइंडनेस मेडि‍टेशन की जाती है।

ध्‍यान करने का प्रमुख कारक है दूसरों के प्रति प्‍यार और दयालुता प्रकट करना।

क्‍या से आपके लिए है

अगर आपको हमेशा गुस्‍सा आता है चिड़चिडे रहते हैं या विवाद में उलझे रहते हैं तो आपको इस मेडिटेशन प्रक्रिया से लाभ होगा। ये आत्‍म और आत्‍म केंद्रित दोनों ही तरह से फायदेमंद होती है क्‍योंकि इससे आप खुश रहना सीखते हैं।

कैसे करें :

ध्‍यान की मुद्रा में बैठ जाएं और अपनी आंखें बंद कर लें। खुद के प्रति प्रेम व्‍यक्‍त करने की कल्‍पना करें और फिर धीरे-धीरे दूसरों के प्रति ऐसा महसूस करने का प्रयास करें।

मंत्र मेडिटेशन

मंत्र मेडिटेशन को ऊं मेडिटेशन भी कहा जाता है जोकि एक हिंदू मेडिटेशन टेक्निक है। ऊं एक पवित्र शब्‍द है जिससे दिमाग को शांति मिलती है। इस मंत्र का जाप करने से आपका दिमाग एकाग्र हो पाता है और आप अपने आसपास के वातावरण से मेल खा पाते हैं।

क्‍या ये आपके लिए है

कई लोगों को ये मंत्र मेडिटेशन आसान लगता है क्‍योंकि इसमें आपको सांस पर ध्‍यान केंद्रित करने की बजाय मंत्र पर ध्‍यान लगाना होता है।

कैसे करें :

स्‍पाइन को सीधा रखकर बैठ जाएं और आंखें बंद कर लें। अब अपने मन में या ऊंचे स्‍वर में ऊं का उच्‍चारण करें।

ट्रांसडैंटल मेडिटेशन

ये मंत्र मेडिटेशन का विशेष रूप है और ये ध्‍यान के तरीकों में सबसे ज्‍यादा लोकप्रिय है। वैज्ञानिकों ने भी इस मेडिटेशन के फायदों के बारे में बताया है। इससे ब्‍लड प्रेशर, तनाव और बेचैनी और ह्रदय रोग का खतरा एवं स्‍ट्रोक का खतरा कम होता है।। ये अनिद्रा को दूर कर दिमाग को तेज करती है और याद्दाश्‍त को बढ़ाती है।

क्‍या ये आपके लिए है

ये मेडिटेशन उन लोगों को सूट करती है जिन्‍हें सरंचना पसंद होती है और जो मेडिटेशन का अभ्‍यान करने के लिए गंभीर होते हैं।

कैसे करें

मेडिटेशन करने के लिए एक मंत्र या शब्‍द पर ध्‍यान केंद्रित करना होता है। एक शिक्षक उस वर्ष के आधार पर मंत्र निर्धारित करता है जिस पर चिकित्सक पैदा हुआ था या जिस वर्ष शिक्षक को प्रशिक्षित किया गया था। इसके बाद शिक्षक लोगों को अपना मंत्र चुनने के लिए कहते हैं और इसके बाद दिन में दो बाद 15-20 मिनट के लिए आंखें बंद करके इस मंत्र का उच्‍चारण किया जाता है।

एकाग्रता मेडिटेशन

इस मेडिटेशन में आपको पांच में से किसी भी सेंसिस पर ध्‍यान लगाना होता है जैसे कि सांस लेने या चलने की आवाज़ आदि।

क्‍या से आपके लिए है

शुरुआती अभ्‍यासकर्ताओं के लिए ये मेडिटेशन मुश्किल होता है लेकिन अगर आप अपनी जिंदगी में एकाग्रता की तलाश में हैं तो आपको ध्‍यान की ये क्रिया जरूर करनी चाहिए।

कैसे करें :

गहरी सांस लें और पेट को चौड़ा करें, कंधों को आराम दें और 6 तक गिनती करें। सांस छोड़ें और दोबारा दोहराएं। अब सामान्‍य तरह से सांस लें और सांस लेने पर ध्‍यान लगाएं।

कुंडलिनी योग

ये मेडिटेशन का सक्रिय रूप है जो कि दिमाग को सहारा देने से किया जा सकता है। असमें शरीर सांस, मंत्र, मुद्रा और एकाग्रता का इस्‍तेमाल करता है। कुंडलिनी योग शारीरिक शक्‍ति को बेहतर करता है, दर्द कम करता है, और मानसिक सेहत को बढ़ाता है।

कैसे करें

रीढ़ को सीधा और आलती-पालथी करके बैठ जाएं। आंखें बंद करें और अपने दोनों हाथों को प्रार्थना की मुद्रा में लाएं और अपनी पसंद के अनुसार मंत्र का उच्‍चारण करें।

जेन मेडिटेशन

इसे कभी-कभी जजेन के नाम से भी पुकारा जाता है। मेडिटेशन के इस रूप में कई स्‍टेप्‍स और पॉश्‍चर होते हैं। जेन मेडिटेशन में दो तरीके से ध्‍यान किया जाता है, एक सांस पर ध्‍यान केंद्रित करने से और एक बैठकर करने से। इसका लक्ष्‍य किसी के विचारों को समझना होता है और इससे आत्‍मविश्‍वास बढ़ता है और संचालन करने की क्षमता में वृद्धि होती है और क्रोध कम आता है।

क्‍या से आपके लिए है

अगर आपको सुकून और आध्‍यात्‍म के मार्ग पर चलना है तो आपको ये मेडिटेशन जरूर करना चाहिए।

कैसे करें

जमीन पर मैट बिछाकर उस पर लोटस पोजीशन में बैठ जाएं। इसमें सीटिड मेडिटेशन में ध्‍यान लगाना है।

मेडिटेशन के प्रकार से जुड़े तथ्‍य

हर प्रकार के मेडिटेशन के और भी उपप्रकार होते हैं।

आप एकसाथ कई प्रकार के मेडिटेशन को मिला भी सकते हैं।

किसी भी मुद्रा में ध्‍यान किया जा सकता है। इसका प्रमुख उद्देश्‍य आराम और सहज महसूस करवाना है


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